6 महीने का नाम, किंतु सालों में नहीं हुआ काम… गलोगी ट्रीटमेंट

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मसूरी उत्तराखंड

मसूरी गलोगी धार लगातार विगत कई वर्षों से समस्या का मुख्य कारण बनी हुई है क्योंकि यह जिस स्थान पर पड़ता है वह स्थान मसूरी देहरादून को जोड़ने वाला मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग है जो की बरसात में और आए दिन मुख्य मार्ग पर मलवा, पत्थर, मिट्टी के रूप में भरभराकर गिर जाता है जिसको सही करने की मांग 2020 से लगातार चलती आ रही है किंतु अभी तक इसका सही तरीके से ट्रीटमेंट नहीं हो पाया है आपको बताते चले की क्षेत्रीय विधायक गणेश जोशी के द्वारा लगभग 2 वर्ष पूर्व यह आश्वासन दिया गया था कि 6 महीने के अंदर गलोगी धार का ट्रीटमेंट कार्य पूरा हो जाएगा किंतु यह कार्य अभी तक 50% भी पूर्ण नहीं हो पाया है जिससे पहाड़ों की रानी मसूरी का पर्यटन सीजन प्रभावित और बाधित हो सकता है. 

इसी संदर्भ में बातचीत के दौरान पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि जब गलोगी धार का ट्रीटमेंट प्लान शुरू हुआ था तब इसका क्षेत्रफल कम था लेकिन समय के साथ इसके क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है और बजट में भी, पहले से दोगुना ज्यादा क्षेत्र कच्ची मिट्टी और पत्थरों से प्रभावित है जो की कार्य करने के दौरान पता चला, पहले इसका बजट 21.74 करोड़ था जो कि बाद में बढ़कर 30. 96 करोड़ हो गया, यह बजट मार्च में ही फाइनल हुआ है और विभाग को मिला है, इसके पश्चात कार्य में तेजी लाई गई है और बरसात से पहले यह कार्य संपन्न करने का पूर्ण प्रयास किया जाएगा जिससे आगामी बरसात में पर्यटकों और स्थानीय लोगों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े.

इसी विषय को लेकर समाजसेवी मनीष गुनियाल के द्वारा बताया गया कि विगत कई वर्षों से सरकार और विभाग सिर्फ आश्वासन दे रही है किंतु धरातल पर कोई भी कार्य नहीं कर रही है उन्होंने क्षेत्रीय विधायक गणेश जोशी कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड सरकार पर आरोप लगाया कि गणेश जोशी जी मुंह के द्वारा ही सभी कार्यों को पूर्ण करते हैं लेकिन धरातल पर उनके कोई भी कार्य नहीं दिखते हैं उन्होंने एक नहीं अनेक कार्यों को बताया जैसे सैनिक धाम आज कहां पर बना है साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मसूरी को तहसील का दर्जा दिया गया था लेकिन वह तहसील मसूरी के अंदर कहां बनी है, साथ ही उन्होंने कहा कि मसूरी पुडकुल रोपवे  योजना की स्थिति आज क्या है जो कोरोना में शिफन कोर्ट के 84 परिवारों को बेघर कर दिया गया. साथ ही उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार अपने आप को जीरो टॉलरेंस की सरकार बताती है किंतु जब उन्ही के मंत्री और विधायक गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगा तो उसमें मुख्यमंत्री के द्वारा क्या कार्रवाई की गई, उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट दिखता है कि सरकार अपनी मनमाने तरीके से इस उत्तराखंड को चला रही है और जो कोई भी उनके विरोध में आवाज उठाता है उसको दमनकारी नीतियों के द्वारा उसकी आवाज को दबाने का प्रयास किया जाता है उन्होंने उत्तराखंड की जनता से आह्वान किया है कि 2027 में  उत्तराखंड की जनता इस तानाशाही के खिलाफ सत्ता परिवर्तन अवश्य करेगी.

 


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